स्वीकार
नैया पर मैं बैठ अकेली
निकली हूँ लाने उपहार
भव-सागर में भँवर बड़े हैं
दूभर उठना इनका भार
न कोई माँझी न पतवार
खड़ी मैं सागर में मँझदार
फिर भी जीवन है स्वीकार।
राहों में कंटक भरमार
अगणित जलते हैं अंगार
अभिशापों का है भंडार
पग-पग पर मिलती है हार
वृष्टि की पड़ती है बौछार
मंज़िल मेरी दूर अपार
फिर भी जीवन है स्वीकार।
कोई नहीं उन्माद शृंगार
न कोई प्रीत न मनुहार
न गेंदा है न गुलनार
साज न कोई न स्वर-ताल
टूट रहे संयम के तार
सृजन करूँ मैं बारम्बार
फिर भी जीवन है स्वीकार।
Savita Aggarwal 'Svi' ( सविता अग्रवाल ’सवि’ ) (India). Poeta.
Poetical Quill Souls
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This blog contains a collection of renowned and young authors from around the world poems in the languages in which they were originally written. Each file includes author’s photo or portrait and brief biography. We offer news and announcements of interest to professional and amateur writers (writing competitions, poetry press, etc) too.
Este blog recoge una selección de poemas de reputados autores y jóvenes promesas de todo el mundo en las lenguas en las que fueron escritos originalmente. Se incluye en cada ficha una breve reseña biográfica del autor y fotos o cuadros de éste. Se complementa el grueso del material con datos de interés para escritores profesionales o aficionados a la literatura (como información sobre certámenes literarios, editoriales dedicadas a la poesía, etc).